भारत के वित्त मंत्री ने वर्ष 2024-2025 का बजट पेश किया है, जिसमें किसानों और कृषि क्षेत्र के लिए कई महत्वपूर्ण घोषणाएं की गई हैं। इस बजट में किसानों और कृषि क्षेत्र के विकास के लिए नए अवसर प्रदान किए गए हैं। आइये जानते है कृषि जगत से जुडी बजट की कुछ महत्वपूर्ण बाते
इस बजट में कृषि और कृषि संबद्ध क्षेत्रों के लिए 1.52 लाख करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है, जो पिछले वर्ष की तुलना में अधिक है। यह आवंटन किसानों को नए अवसर प्रदान करेगा और कृषि क्षेत्र में ट्रेक्टर और अन्य उपकरणो के विकास को बढ़ावा मिलेगा । वहीं किसान सम्मान निधि की राशि भी नहीं बढ़ाई गई, ये 6,000 रुपए ही रहेगी।
प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए बजट में एक करोड़ किसानों को प्रोत्साहित करने की घोषणा की गई है, जो किसानों को नए अवसर प्रदान करेगी। यह प्रोत्साहन किसानों को प्राकृतिक खेती के लिए प्रेरित करेगा और कृषि क्षेत्र में ट्रेक्टर और अन्य उपकरणो के विकास को बढ़ावा देगा। ग्राम पंचायत और साइंटिफिक इंस्टीट्यूशन के जरिए इसका इंप्लीमेंटेशन किया जाएगा। 10,000 नीड-बेस्ड बायो-इनपुट सेंटर्स स्थापित किए जाएंगे।
बजट में दलहन और तिलहन के उत्पादन, भंडारण और मार्केटिंग को बढ़ावा देने की बात कही गयी है।अंतरिम बजट में की गई घोषणा के अनुसार सरसों, मूंगफली, तिल, सोयाबीन और सूरजमुखी जैसे तिलहनों के उत्पादन को बढ़ाने के लिए स्ट्रैटजी बनाई जाएगी।
किसान क्रेडिट कार्ड पर सरकार ने बड़ा एलान किया है. अब 5 और राज्यों में ये सुविधा मिलेगी। आपको बता दें कि किसान क्रेडिट कार्ड पर कुल 9% की ब्याज दर होता है। इस योजना में 2% की सब्सिडी केंद्र सरकार द्वारा दी जाती है।अगर एक साल पूरा होने से पहले ही किसान लोन चुका देते हैं तो किसानों को 3 फीसदी की और छूट दी जाती है। इस तरह इस लोन का ब्याज दर महज 4 फीसदी रह जाती है. इसलिए इसे देश का सबसे सस्ता लोन कहा जाता है जिससे किसान ट्रेक्टर आदि अन्य उपकरण खरीद सकते है।
सब्जियों की सप्लाई चेन को मजबूत करने के लिए फार्मर-प्रोड्यूसर ऑर्गेनाइजेशन, सहकारी समितियों और स्टार्ट-अप्स को बढ़ावा दिया जायेगा । इनके कलेक्शन, स्टोरेज और मार्केटिंग पर फोकस करेंगे। राज्यों के साथ पार्टनरशिप के तहत सरकार 3 सालों में किसानों और उनकी भूमि को कवर करने के लिए डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर (DPI) बनाने पर काम करेंगे।
6 करोड़ किसानों और उनकी जमीन की डिटेल्स को किसान और लैंड रजिस्ट्री में लाया जाएगा। इसके अलावा झींगा उत्पादन करने वालों की मदद के लिए सरकार ब्रीडिंग सेंटरों का नेटवर्क बनाने के लिए फाइनेंशियल सपोर्ट देगी। उनकी फार्मिंग, प्रोसेसिंग और एक्सपोर्ट के लिए NABARD के जरिए फाइनेंसिंग सुविधा दी जाएगी।
सरकार कोऑपरेटिव सेक्टर के विकास के लिए नेशनल कोऑपरेशन पॉलिसी लाएगी। ग्रामीण अर्थव्यवस्था का तेजी से विकास और बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर पैदा करना, इस पॉलिसी का टारगेट होगा।
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